कंप्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer)
आजकल कंप्यूटर का उपयोग हर क्षेत्र में हो रहा है क्योंकि
कंप्यूटर ही एक ऐसी स्वचालित मशीन है जो कि बहुत सारे कार्य स्वतः कर लेती है इसके
कुछ कारण निम्नलिखित हैं।
1.
स्वचालन (Automatic) – कंप्यूटर अपने समस्त कार्य स्वचालित रूप से करता है। एक बार सभी आंकड़े कंप्यूटर में फीड करने के पश्चात उन्हें
एक निश्चित प्रोग्राम के निर्देश के अनुरूप विभिन्न कार्यों हेतु भिन्न-भिन्न रूप
से विश्लेषण कर शुद्ध परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
2.
गति (Speed) – कम्प्यूटर अत्यधिक तीव्र गति से अपने कार्य को अंजाम देता
है। एक मनुष्य जितने कार्य को करने में एक वर्ष लगा देता है उतना ही कार्य
एक कम्प्यूटर कुछ ही सैकेण्डों मे पूरा कर देता है। कंप्यूटर कई लाख निर्देशों को
एक सेकंड में क्रियान्वित कर देता है और वह भी लगातार तथा बिना गलती किए
3.
शुद्धता (Accuracy)– कंप्यूटर अपना कार्य बिना किसी गलती के करता है यदि आपको 8 अंकों की दो अलग-अलग संख्याओं को गुणा करने के लिए कहा जाए
तो आप इसमें कई बार गलती करेंगे लेकिन साधारणः सभी कंप्यूटर किसी भी काम को बिना किसी गलती के पूर्ण करते
हैं यदि कंप्यूटर में डाले जाने वाले डेटा तथा निर्देश बिल्कुल शुद्ध हैं तो
कंप्यूटर द्वारा किए जाने वाले आउटपुट भी पूरी तरह से सही होंगे।
4.
सार्वभौमिकता ( Versatility) – कंप्यूटर को शुरु में केवल गणित के कार्यों के लिए बनाया
गया था। लेकिन इसकी क्षमताओं को देख लोगों ने कंप्यूटर का उपयोग कई तरह के कार्यों
में करने लगे हैं जैसे- बैंकिग में, यातायात में, दूर-संचार आदि।
5.
उच्च संग्रह क्षमता ( high Storage
Capacity) – एक कंप्यूटर की डेटा को स्टोर करने की क्षमता बहुत अधिक
होती है। कंप्यूटर में किसी भी प्रकार का डेटा स्टोर किया जा सकता है जैसे – इमेज, विडीयो, गाने आदि। कंप्यूटर डेटा को कई वर्षो तक सुरक्षित रख सकता
है।
6.
विश्वसनीयता (Reliability) – कंप्यूटर इंसानो से तेज और इंसानो से ज्यादा शुद्धता से
कार्य करता है तथा इसके द्वारा किया गया कोई भी कार्य ज्यादा विश्वसनीय होगा।
7.
परिश्रमता (Diligence) – हम सभी जानते हैं कि कंप्यूटर एक मशीन है तथा वह कितना भी
कार्य करे उसे थकावट महसूस नहीं होती क्योंकि वह इंसान नहीं है। यही क्षमता
कंप्यूटर को अधिक परिश्रमी बनाती है।
कंप्यूटर की सीमाएँ (Limitation of computer)
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं तथा
अच्छाई के साथ बुराई भी जुड़ी होती है और कंप्यूटर भी इसका अपवाद
नहीं है। इसकी भी कुछ सीमाएँ हैं, जिनका पालन वह
पूरी शुद्धता से नहीं कर पाता-
1.
बुद्धिमत्ता की कमी ( Lack of
Intelligence) -बुद्धिमत्ता की कमी से अभिप्राय यह है कि कंप्यूटर खुद से
निर्णय लेने में स्वतंत्र नहीं है यूजर जो भी निर्देश इसको देता है यह सिर्फ उसका
ही पालन करता है अर्थात जब तक यूजर द्वारा निर्देश नहीं दिए गए हो कंप्यूटर स्वयं
कोई कार्य नहीं करता
2.
आत्म-रक्षा में अक्षम – ( Unable to
self Protection) – हमारा कंप्यूटर चाहे कितना भी शक्तिशाली हो जाए पर वह अपनी
रक्षा करने में हमेशा असहाय रहता है हम उसके किसी भी पार्ट से छेड़खानी कर सकते
हैं तथा उसको जो निर्देश दिये जाएंगे तो वह करता रहेगा चाहे वह गलत हो या सही हो।
3.
सामान्य बोध की कमी (Lack of Common Scene) - यह भी जानना जरूरी है कि
कंप्यूटर कभी कोई गलती नहीं करता है, लेकिन अगर यूजर उससे गलत
काम लेता है तो उसे इसका सामान्य बोध यानि Common Scene नहीं हाेता है अगर आपने
कंप्यूटर को बताया नहीं है "सीमा एक लडकी है" तो वह उसे by
default लडका ही मानेगा, उसे नाम में फर्क करना
नहीं आता है, Computer एक बुद्धिमान मशीन नहीं
है यह सही या गलत कि पहचान नहीं कर पाती है|
4.
विद्युत पर निर्भरता (Dependence on electricity) - कंप्यूटर को काम करने के लिये विद्युत ( electricity)
की आवश्यकता होती है
बिना विद्युत ( electricity) के कंप्यूटर एक धातु के
डब्बे से ज्यादा और कुछ नहीं है
5.
अपग्रेड और अपडेट (Upgrade and Update) - कम्प्यूटर एक ऐसी मशीन
है जिसे समय समय पर अपग्रेड और अपडेट (Upgrade
and Update) करना होता है यदि ऐसा नहीं किया तो कंप्यूटर ठीक प्रकार से कार्य
नहीं कर पाता है
6.
वायरस से खतरा (Virus threat) - कंप्यूटर को हमेशा
वायरस का खतरा बना रहता है, एक बार वायरस आने पर यह
कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ उसमें सुरक्षित फाइलों को भी नुकसान पहॅुचा
सकता है
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